छत्रपति शिवाजी महाराज: वीरता, सम्मान और मराठा साम्राज्य के प्रतीक

छत्रपति शिवाजी महाराज: मराठा साम्राज्य के संस्थापक, वीरता और महिला सम्मान के प्रतीक। उनकी 395वीं जयंती पर उनके जीवन और आदर्शों को याद करते हैं।

छत्रपति शिवाजी महाराज, मराठा साम्राज्य की स्थापना करने वाले भारत के वीर सपूत थे। उनका जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। वे मराठा परिवार में जन्मे थे। शिवाजी महाराज को उनकी बहादुरी और वीरता के लिए जाना जाता है। आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज की वीर गाथाएं गाई जाती हैं। आज छत्रपति शिवाजी महाराज की 395वीं जयंती मनाई जा रही है।

शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की, दुश्मनों के विरुद्ध लड़ाईयाँ लड़ीं, दरबार में मराठी और संस्कृत भाषा को प्राथमिकता दी, और हिंदू रीति-रिवाजों को विदेशी आक्रमण के बावजूद संरक्षित रखा। शिवाजी महाराज का जीवन साहस, न्याय और धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

महिलाओं के प्रति सम्मान

शिवाजी महाराज उन शासकों में से थे जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने अपने सैनिकों को सख्त निर्देश दिए थे कि छापा मारते वक्त किसी भी महिला को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। यदि उनकी सेना का कोई भी सैनिक महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करता था, तो उसे दंडित किया जाता था।

एक घटना का उल्लेख मिलता है जब कल्याण के किले को जीतने के बाद, शिवाजी के सेनापति मुगल किलेदार की बहू को बंदी बनाकर लाए और उसे शिवाजी महाराज के सामने नजराना स्वरूप पेश किया। शिवाजी महाराज ने उस महिला का सम्मान किया और उसे सुरक्षित उसके घर वापस भेजने का आदेश दिया। उन्होंने अपने सेनापति को फटकार लगाते हुए कहा कि काश उनकी माता भी इतनी खूबसूरत होतीं तो वे भी सुंदर होते।

बाहुबली जैसे फरमान

शिवाजी महाराज महिलाओं के सम्मान को लेकर बहुत कठोर थे। उन्होंने अपने सैनिकों और जनता को यह फरमान दिया था कि यदि कोई महिला का अपमान करता है, तो उसका गला काट दिया जाएगा। उनका स्पष्ट आदेश था कि महिला पर हाथ डालने वालों का गला काट दो। माता जीजा बाई के बेटे शिवाजी के इस फरमान का सभी सम्मान करते थे। ऐसा माना जाता है कि साल 2017 में आई राजामौली की फिल्म बाहुबली 2 का डायलॉग ‘औरत पर हाथ डालने वाले का हाथ नहीं, काटते हैं उसका गला’ शिवाजी महाराज के विचारों से प्रेरित था।

अन्य घटनाएं

सीहोर में छत्रपति शिवाजी जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस ऑफ चंद्रशेखर आजाद कॉलेज के सभागार में बुधवार सुबह 11 बजे सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सुदेश राय, विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर उपस्थित रहेंगे। कॉलेज प्राचार्य डॉ. श्रीमती अंजू चौहान ने बताया कि कार्यक्रम में सेवानिवृत्त फौजियों का सम्मान किया जाएगा।

शिवाजी महाराज वीरता की अमर कहानी हैं, जिनकी इतिहास के पन्नों पर अमिट निशानी है।

शिवाजी महाराज के कुछ प्रेरणादायक संदेश:

  • जब शिवाजी राजे की तलवार चलती है तो, औरतों का घूंघट और, ब्राह्मणों का जनेऊ सलामत रहता है।
  • बिना रुके हर कठिनाई में कदम बढ़ाना, आसान नहीं है, मातृभूमि पर शीश चढ़ाना।
  • हिंदुत्व की पहचान शिवाजी, स्वराज का दूसरा नाम शिवाजी, देश का अभिमान शिवाजी, राष्ट्र की है शान शिवाजी।
  • अंगूर को जब तक न पेरो वो मीठी मदिरा नहीं बनती, वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट में पिसता नहीं, तब तक उसके अन्दर की सर्वोत्तम प्रतिभा बाहर नहीं आती।
  • इस देश के खून में वीरता और जोश हमेशा बना रहे।
  • शूरवीरों की यह धरती, छत्रपति शिवाजी पालनहार, बुराई जिससे कोसों दूर भागे, ऐसी गूंजी है हुंकार।
  • जिनकी वीरता का लोहा मुगलों ने भी माना, हिंदुओं की शान, मराठा साम्राज्य का मान, ऐसे वीर छत्रपति शिव।

Sources:
https://ndtv.in/lifestyle/chhatrapati-shivaji-maharaj-jayanti-2025-wishes-messages-quotes-facebook-status-whatsapp-status-7743330
https://www.abplive.com/gk/chhatrapati-shivaji-maharaj-birth-anniversary-shivaji-decision-for-women-respect-like-bahubali-save-women-from-violence-and-cruelty-2887517
https://www.bhaskar.com/local/mp/sehore/news/retired-soldiers-honored-in-college-today-134498771.html

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